व्यवसाय में शोध की आवश्यकता एवं महत्व का वर्णन कीजिए। Describe the need and importance of research in business

शोध की उपयोगिता अथवा आवश्यकता एवं महत्त्व शोध

(1) व्यावसायिक उन्नति में सहायक- किसी भी व्यवसाय में अनुमानों व संभावनाओं का महत्त्वपूर्ण स्थान है। व्यवसायी इन्हीं संभावनाओं या अनुमानों के आधार पर कोई भी निर्णय ले सकता है। माँग का अनुमान लगाकर व्यापारी माल का क्रय करता है तथा माल का मूल्य निर्धारित करता है। व्यावसायिक अनुमानों व संभावनाओं का परिमाणात्मक प्रविधि माध्यम से सही आकलन किया जा सकता है। गणितीय तथ्यों के आधार पर व्यवसायी यह जान लेता है कि उसके माल की खतप किस भू-भाग में होगी तथा इसी आधार पर वह व्यय, विक्रय, इन्वेन्ट्री एवं व्यापार की दशाओं के संबंध में पूर्ण जानकारी कर लेता है। अनुमानों के परिमाणात्मक कथन के द्वारा व्यापारी माँग व पूर्ति का सही अनुमान लगाता है और इसी आधार पर उत्पादन को घटाया या बढ़ाया जा सकता है। यदि माँग कम होने की संभावना है तो कुशल व्यवसायी उत्पादन को कम कर देता है तथा इसके विपरीत यदि माँग बढ़ने की आशा है तो वह उत्पादन को बढ़ाकर तत्कालीन परिस्थितियों से लाभ उठा सकता है।

(2) औद्योगिक क्षेत्र में सहायक (Valuable in Industries)- किसी भी बड़े कारखानों में उत्पाद नियोजन अथवा प्रबन्ध (Production planning or Management) वैज्ञानिक प्रबन्ध का महत्त्वपूर्ण भाग है। उद्योग के विभिन्न भागों जैसे पक्के माल की बिक्री, कच्चे माल की खरीद, विज्ञापन आदि में पूर्ण समन्वय परिचालन शोध तकनीकों के माध्यम से ज्ञात कर सकते हैं। विक्रय विभाग की आवश्यकताओं का अनुमान लगाकर कच्चे माल, आवश्यक औजार, श्रमिकों की व्यवस्था आदि करने में तकनीक बहुत उपयोगी होती है जिससे उद्योग का कार्य बिना किसी बाधा के चलता रहता है। प्रो. नीस्वैगर (Prof. Neiswanger) के अनुसार, विक्रय सम्बन्धी अनुसंधान के एक विशेषज्ञ का कहना है कि बिना शोध विधियों से किए गए निर्णयों में 42 प्रतिशत निर्णय लागत निकले। बड़ी-बड़ी औद्योगिक संस्थाओं में संबंधित आँकड़ों को एकत्र करने तथा उनका विश्लेषण करने के लिए शोध विधियाँ बहुत उपयोगी होती है।

(3) नियोजन के लिए अनिवार्य (Essential for Planning)- आधुनिक युग नियोजन का युग है। संसार का प्रायः प्रत्येक राष्ट्र नियोजन कार्यों में लगा हुआ है। शोध प्रविधियों की सहायता से किसी भी राष्ट्र में सुव्यवस्थित योजनाएँ बनाई जाती है। पर्याप्त और विश्वसनीय समंकों के आधार पर उपलब्ध प्राकृतिक तथा मानवीय साधनों एवं पूँजी प्रबन्ध ठीक प्रकार से किया जा सकता है। शोध विधियाँ बहुत उपयोगी होती हैं कि किन-किन समस्याओं को प्राथमिकता प्रदान की जाए। ये विधियाँ योजना निर्माण की आधारशिला हैं। योजनाओं के परिणामों का मूल्यांकन भी शोध विधियों द्वारा संभव होता है। नियोजन आधुनिक युग का व्यवस्थित क्रम है और गणितीय समंकों के बिना नियोजन के विषय में सोचा नहीं जा सकता। (Planning is the order of the day and without quantitative data planning is inconceivable) इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि शोध विधियों के बिना आर्थिक नियोजन बिना पतवार और दिशासूचक यंत्ररहित जहाज की तरह ही है।

(4) प्रशासन में सहायक (Helpful in Administration)- शोध प्रविधियाँ शासन के नेत्र हैं (Research techniques are the eyes of Administration) इन प्रविधियों की सहायता से प्रशासन को आय तथा व्यय का बजट तैयार करने में सुविधा मिलती है। प्रशासन को यह जानकारी रखनी आवश्यक होती है कि व्यापार की दिशा क्या है ? औद्योगिक उत्पादन बढ़ रहा है या घट रहा है? आयात व निर्यात की गति कैसी है तथा कर व्यवस्था का क्या प्रभाव पड़ सकता है ? इन सब बातों के सम्बन्ध में सही अनुमान परिचालन शोध प्रविधियों के माध्यम से लगा सकते हैं।

(5) सर्वत्र उपयोगी (Universal Utility)- शोध प्रविधियों को हम दैनिक जीवन की अनेक समस्याओं में उपयोग कर सकते हैं। ये विधियाँ महत्त्वपूर्ण निष्कर्षों की तुलनात्मक जाँच करने में उपयोगी होती है, हम अपने अनिश्चित व भ्रमपूर्ण विचारों को शुद्ध करने के लिए इन प्रविधियों का प्रयोग करते हैं। आधुनिक युग में शोध प्रविधियों का उपयोग शिक्षा, मनोविज्ञान, भौतिक, रसायन शास्त्र, चिकित्सा शास्त्र आदि सभी में नितांत आवश्यक है। इन प्रविधियों को उपयोगिता को प्रकट करने के लिए यह कहना उचित होगा कि वर्तमान युग में प्रयास का कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं है जिसमें इन प्रविधियों का कम से कम कभी भी उपयोग न हो।

(6) बीमा व्यवसाय के क्षेत्र में उपयोगी (In the sphere of Insurance)- शोध विधियों का उपयोग जीवन बीमा, अग्नि बीमा, समुद्री बीमा तथा सामान्य बीमा के क्षेत्र में संचालन से संबंधी समस्याओं के निराकरण में किया जाता है। शोध द्वारा बीमा व्यवसाय के संचालन में वैज्ञानिक विधियों एवं उपकरणों का प्रयोग किया जा सकता है जिससे बीमा व्यवसाय की समय लागतों को कम किया जा सके तथा समस्याओं का अनुकूलतम हल ढूँढ़ा जा सके ।

(7) परिवहन के क्षेत्र में उपयोगी (In the Transport Sector)- विधियों का रेल, सड़क, जल तथा वायु परिवहन के क्षेत्र में भी व्यापक मात्रा में उपयोगी होती है। परिवहन लागतों को कम करने तथा सेवा सुविधाओं में वृद्धि करने हेतु इन इन प्रविधियों का उपयोग वैज्ञानिक आधार पर किया जाता है जिससे नियंत्रण सम्बन्धी कठिनाइयाँ दूर हो सकें तथा समस्याओं का अनुकूलतम हल निकाला जा सके।

(8) बैंकिंग सेवाओं में उपयोग (In Banks)- शोध विधियों का उपयोग बैंकिंग सेवाओं में समय लागतों में कमी करने तथा सेवा क्षेत्रों में वृद्धि करने हेतु किया जाता है। इन प्रविधियों से अनुकूलतम विकल्पों को ढूँढ़ा जा सकता है तथा धन एवं जमाओं पर नियंत्रण स्थापित करने हेतु उत्तम निर्णय लिए जा सकते हैं।

(9) सैन्य गतिविधियों में (Military Activities)- शोध प्रविधियों का सर्वप्रथम अनुसंधान सैन्य संबंधी गतिविधियों तथा सामरिक व्यूहरचनाओं में उत्पन्न होने वाली समस्याओं के निदान हेतु किया गया था। अभी भी इन विधियों से इन विधियों से रसद पहुँचाने, दुश्मन की गतिविधियों का पता लगाने तथा समस्याओं का अनुकूलतम हल निकालने हेतु किया जाता है।

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