विज्ञापन प्रभावोत्पादकता मापन के ढंग अथवा तरीके (Methods of Measuring Advertising Effectiveness)-
1. जागरूकता सर्वेक्षण (Awareness Surveys)
प्रायः इस प्रकार के परीक्षण का प्रयोग नये उत्पाद की घोषणा तथा उसके नाम, ट्रेडमार्क क्रय आदि के सन्दर्भ में सामान्य जनता के ज्ञान, परिचय की जानकारी प्राप्त करने का प्रयास किया जाता है। व्यक्तियों का विज्ञापन के प्रति ज्ञान कैसा है? इसको सामान्यतः ‘हाँ’ या ‘नहीं’ प्रश्न के द्वारा मापा जाता है।
2. पुनः स्मरण परीक्षा (Recall Tests)
अधिकांश विज्ञापनों का प्रमुख उद्देश्य कम्पनी उत्पादों के लिए प्राथमिकता को सृजित करना होता है, जो कि बाद में उस समय प्रयोग की जाती हैं, जब उपभोक्ता उत्पाद खरीदने को तैयार होता है। अब विज्ञापन का संदेश किस सीमा तक जनता के दिमाग में याद है, यह पुनः परीक्षण द्वारा ज्ञात किया जाता है। अन्य शब्दों में, यह विज्ञापन के बाद उसकी प्रभावोत्पादकता मापने की एक तकनीक है जिसमें उत्तरदाता या प्रार्थी को विज्ञापन नहीं दिखाया जाता, अपितु उससे कुछ प्रश्न किये जाते हैं।
3. प्रभाव माप सर्वेक्षण (Impact Measurement Survey)
इस विधि के अन्तर्गत उत्तरदाता से विज्ञापन के सम्बन्ध में प्लेबैक (playback) करने को कहा जाता है, अर्थात् उसको विज्ञापन, उसके संदेश, प्रकृति आदि के सम्बन्ध में जो कुछ याद है, बताने को कहा जाता है और यह पूछा जाता है कि क्या ऐसा विज्ञापन उसकी उत्पाद क्रय की रुचि को बढ़ाता है। सौन्दर्य प्रसाधन सामग्री में इस तकनीक का व्यापक प्रयोग किया जाता है।
ऐसे सर्वेक्षण द्वारा प्राप्त सूचनाएँ व्यापक विश्लेषण हेतु पर्याप्त सामग्री उपलब्ध कराती है। अन्य शब्दों में, ऐसी सूचनाओं से यह ज्ञात किया जा सकता है कि विज्ञापन से कहाँ कमियाँ एवं कहाँ अच्छाइयाँ हैं ? विज्ञापन का प्रभाव काफी सीमा तक इस बात से भी प्रभावित होता है कि उत्पाद, विज्ञापन की प्रकृति तथा चयनित माध्यम की किस्म कैसी है ?
उत्पाद की प्रकृति मुख्यतः उसकी भौतिक तथा मनोवैज्ञानिक विशेषताओं पर निर्भर करती है, जबकि ‘विज्ञापन माध्यम का वातावरण उसकी सम्पादकीय नीति, विषय वस्तु की किस्म, श्रवण की किस्म आदि पर निर्भर करती है। उदाहरण के लिए, दो माध्यमों के समान श्रोतागण हो सकते हैं, लेकिन श्रवण की किस्म इस सन्दर्भ में पृथक् हो सकती है कि वे कितना विज्ञापन को याद रख पाते हैं या समझते हैं।
4. दृष्टिकोण एवं मनोवैज्ञानिक सर्वेक्षण (Attitude and Psychological Survey)
दृष्टिकोण तथा मनोवैज्ञानिक सर्वेक्षण का प्रयोग उत्पाद, बॉण्ड, विज्ञापन आदि के प्रति अनुकूल या प्रतिकूल राय का मूल्यांकन कै लिए किया जाता है। दृष्टिकोण सर्वेक्षण का प्रमुख उद्देश्य प्रश्नों के उत्तर द्वारा विज्ञापन, बॉण्ड आदि के सम्बन्ध में व्यक्तिगत राय जानना है। उदाहरण के लिए,
(i) क्या आप केयरफ्री (carefree) पसन्द करती हैं ?
(ii) आप मर्फी ब्रॉण्ड का किस प्रकार वर्णन करेंगे ?
यहाँ पर सकारात्मक या धनात्मक दृष्टिकोण के द्वारा जो सूचनाएँ प्राप्त होती हैं, वे पुनः स्मरण परीक्षण या जागरूकता परीक्षण से कहीं ज्यादा महत्त्वपूर्ण होती हैं। आर्डर ऑफ मेरिट इस सम्बन्ध में महत्त्वपूर्ण तकनीक है जिसमें उपभोक्ताओं को विज्ञापन की अनेक प्रतिलिपियाँ दी जाती हैं और प्राथमिकता देते हुए प्रतिक्रिया व्यक्त करने को कहा जाता है।
5. विक्रय विश्लेषण (Sales Analysis)
विक्रय विश्लेषण के द्वारा भी विज्ञापन प्रभावोत्पादकता को मापा जा सकता है। विक्रय विश्लेषण के सम्बन्ध में निम्न तीन दृष्टिकोण हैं-
(i) विक्रय परिमाण तथा मिश्रण परिवर्तन का मापन विज्ञापन अवधि के दौरान प्राप्त आदेशों का सारणीयन करके ज्ञात किया जा सकता है। इस सन्दर्भ में प्रभावोत्पादकता जानने हेतु पिछले वर्ष की बिक्री से तुलना की जा सकती है जिसमें विज्ञापन नहीं किया गया था। उदाहरण के लिए, 2011 में सैनिक प्रेशर कुकर की बिक्री (बिना विज्ञापन) मात्र 1,000 इकाइयाँ थीं। 2015 में विज्ञापन के कारण इसकी मात्रा बढ़कर 10,000 हो जाने पर विज्ञापन को प्रभावशाली कहा जायेगा।
(ii) स्थानीय बाजार भाग परिवर्तन सामान्यतः इस बात के द्वारा किया जा सकता है कि सम्पत्ति सूची में सामान्य स्थिति में कितना परिवर्तन हुआ है या विज्ञापन ने इस सम्बन्ध में कितना योगदान दिया है?
(iii) ब्रॉण्ड बाजार भाग परिवर्तन का विश्लेषण दीर्घकालीन अवधि के दौरान सकल रूप में ज्ञात किया जाता है।
6. कूपन गणना (Coupon Counting)
कूपन की गणना तथा उनको छाँटना अधिकांश प्रकार के विज्ञापनों तथा माध्यमों को मापने की एक महत्त्वपूर्ण विधि है। इसके लिए पत्रिका या मैगजीन में दिये गये कूपन का कितने उत्तरदाताओं ने प्रयोग किया है या रखा है, के आधार पर विज्ञापन प्रभावोत्पादकता को जाना जाता है। यदि इस विधि का नियमित रूप से प्रयोग किया जाता है, तो इसके द्वारा कई महत्त्वपूर्ण बातों, जैसे विक्रय प्रवृत्ति, विज्ञापन प्रभावशीलता आदि को ज्ञात किया जा सकता है।